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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।

पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ॥ ४ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

ऐं-कारी सृष्टि-रूपायै, ह्रींकारी प्रतिपालिका।

नवरात्रि के नौ दिनों तक इसका पालन करना होगा तभी ये पूर्ण फल प्रदान करेगा.

श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में मां दुर्गा की नौ देवियां और दस महाविद्या का वर्णन है.

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब click here भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.

भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः।।

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